मंगला आरती के बाद बाबा के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु


वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की भव्य छटा देखने को मिल रही है। पूरी काशी शिवमय हो गई है। मंगला आरती के बाद सुबह 3:30 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर के पट खुले तो बाबा के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा तट का क्षेत्र हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। बाबा दरबार में दर्शन-पूजन का यह सिलसिला शयन आरती तक अनवरत जारी रहेगा। बता दें कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए सोमवार रात से ही शिव भक्त गंगा स्नान कर कतारबद्ध हो गए थे।
महादेव का अभिषेक दूध से करने पर पुत्र, गन्ने के रस से अभिषेक करने पर यश, मधु से अभिषेक करने पर लक्ष्मी, दधि से अभिषेक करने पर वाहन एवं जल से अभिषेक करने पर ज्वर की शांति होती है। महाशिवरात्रि की रात बाबा विश्वनाथ की चार पहर की आरती होगी। आरती के दौरान बाबा और माता गौरा के विवाह की रस्म परंपरागत तरीके से संपन्न होगी। वहीं, बाबा विश्वनाथ के दरबार के साथ ही में कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव, सारनाथ में सारंगनाथ, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, गौरी केदारेश्वर, रामेश्वर और तिलभांडेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है। 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यह पहली महाशिवरात्रि है, जब भक्त महादेव का जलाभिषेक करने उनके दरबार पहुंचे हैं। इस बार खास बात यह है कि श्रद्धालु गंगा में स्नान कर जलासेन घाट से सीधे बाबा दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। इसके अलावा बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह की दीवारें स्वर्ण मंडित हो गई हैं। दर्शन-पूजन के बाद शिव भक्त विश्वनाथ धाम में बैठकर शांतिपूर्वक देवाधिदेव का ध्यान कर उनकी स्तुति कर रहे हैं। धाम में दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए व्हील चेयर की भी व्यवस्था की गई है। महादेव और देवी पार्वती के शुभ विवाह के प्रतीक इस पावन पर्व पर इस बार पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है। मकर राशि पर मंगल, बुध, शुक्र, शनि और चंद्रमा की युति बन रही है। ऐसा शुभ संयोग लगभग 65 साल बाद बना है। सोमवार की रात से ही बाबा दरबार का पट खुलने का श्रद्धालु इंतजार करते रहे। सुबह 3:30 बजे मंगला आरती के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के पट खोला गया तो श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। बाबा विश्वनाथ के धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर गोदौलिया से मैदागिन तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। गंगा घाटों पर भी निगरानी के लिए पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि फोर्स को कहा गया है कि भीड़ का दबाव विश्वनाथ धाम क्षेत्र में न बढ़ने दें। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों से धाम क्षेत्र की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। पुलिसकर्मियों को यह भी समझाया गया है कि सुरक्षा व्यवस्था की आड़ में किसी श्रद्धालु से दुर्व्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। पंचक्रोशी यात्रा का विशेष पौराणिक महत्व है। इसके मद्देनजर सोमवार की शाम से ही मणिकर्णिका तीर्थ में स्नान कर पांच कोस की पंचक्रोशी यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया था। हजारों की संख्या में शिव भक्त नंगे पांव कर्दमेश्वर, भीमचंडी, रामेश्वर पांचों पांडवा, कपिलधारा होते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए निकले। महाशिवरात्रि पर रात में काशी विश्वनाथ दरबार को फूल मालाओं से सजाया गया। फिर मंगला आरती के बाद दर्शन-पूजन शुरू हुआ।
परिणय सूत्र में बंधेंगे
मां गौरा संग महादेव
वाराणसी। देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में उनके हर कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। बाबा भोलेनाथ के तिलक समारोह से लेकर हल्दी के कार्यक्रम हों या फिर उनके विवाहोत्सव यानी महाशिवरात्रि का पर्व हो। आज शिवरात्रि पर पूरी काशी शिवमय हो उठी। आज ही काशीपुराधिपति का मा गौरी संग विवाह है। काशीवासी अपने भोले का विवाह एक अलग ही अंदाज में मनाते है। बाबा के दर्शन को पहुंचे विभिन्न प्रांतों से शिव भक्त: सोमवार और मंगलवार की आधी रात से ही काशी विश्वनाथ मंदिर पर भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। बाबा की झांकी दर्शन के लिए पहुंचे विभिन्न प्रांतों से जुटे भक्तों ने अपने भावों से पूरे काशी को शिवमय कर दिया। आज पूरी रात मंदिर खुला रहेगा और चार पहर की विशेष आरती संपन्न होगी।