मन की बात: PM मोदी ने उदाहरण देकर बताया, नए कृषि कानून से कैसे ताकतवर हुए किसान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को संदेश दिया है. पीएम ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. पीएम ने कहा कि इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं.

मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं, बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वादा किया था. वो मांगें पूरी हुई हैं.

पीएम ने कहा, काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया है. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं.”

मन की बात के जरिए किसानों को संदेश देते हुए पीएम ने कहा कि इस कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा.

पीएम मोदी ने कहा, जितेंद्र भोई की मदद सितंबर में बने कानून से हुई. इस कानून में ये तय किया गया है कि किसान को उसकी उपज का पैसा खरीदने के तीन दिन बाद पूरा पेमेंट करना होगा और अगर भुगतान नहीं होता है तो किसान शिकायत कर सकता है.

इस कानून में एक और प्रावधान है कि इलाके के एसडीएम को एक महीने के अंदर किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा. अब जब ऐसे कानून की ताकत किसान भाई के पास थी तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था. उन्होंने शिकायत की और चंद दिन में उनका बकाया चुकाया गया.

पीएम मोदी ने मन की बात के जरिए प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि क्षेत्र कोई भी हो हर तरह के भ्रम और अफवाहों से दूर सही जानकारी हर व्यक्ति के लिए ताकत बन जाती है.

पीएम ने कहा कि उनका नौजवानों, विशेषकर कृषि की पढ़ाई कर रहे लाखों विद्यार्थियों से आग्रह है कि वो अपने आस-पास के गांवों में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में, हाल में हुए कृषि सुधारों के बारे में जागरुक करें.

PM मोदी ने उदाहरण देकर समझाया कि कैसे नए कृषि कानून का फायदा किसान उठा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र के धुले जिले के एक मक्का किसान जितेंद्र भोईजी ने अपनी उपज को 3 लाख 25 हजार में व्यापारी को बेच दिया. जितेंद्र भोई को 25 हजार रुपये एडवांस में भी मिले. तय ये हुआ था कि 15 दिनों में उनका पैसा चुका दिया जाएगा, लेकिन बाद में हालात कुछ ऐसे बने कि उन्हें पैसा नहीं मिला. पीएम मोदी ने कहा कि यह परंपरा थी कि फसल खरीद लो, भुगतान नहीं करो, इसी परंपरा का पालन वहां हो रहा था, इसी तरह जितेंद्र भोईजी को 4 महीने तक पैसा नहीं मिला.