मन की बात में बोले पीएम मोदी- हमारे पर्वों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ सहजीवन का संदेश


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी के मन की बात की यह 68वीं कड़ी है । पीएम मोदी ने आज के अपने इस कार्यक्रम की शुरूआत कोरोना काल में देश में मनाये जा रहे त्योहारों के दौरान और हर आयोजन में लोगों के संयम और सादगी की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार के आयोजन अभूतपूर्व है, गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।

जानिये पीएम मोदी के मन की बात के महत्वपूर्ण बातें..

* हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है, इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा हुई है, धान की रुपाई इस बार लगभग 10%, दालें 5%, कपास 3 % ज्यादा बोई गई है, मैं इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूँ।

* हमारे पर्वों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ सहजीवन का संदेश छिपा होता है, कई सारे पर्व प्रकृति की रक्षा के लिए मनाए जाते हैं, बिहार के पश्चिमी चंपारण में थारु आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन या उनके शब्दों में कहें तो 60 घंटे के बरना का पालन करते हैं।

* देश में ओणम का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं। ओणम हमारी कृषि से जुड़ा हुआ पर्व है, ये हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नई शुरुआत का समय होता है, किसानों की शक्ति से ही तो हमारा जीवन, हमारा समाज चलता है, अन्नदाता को वेदों में भी नमन किया गया है।