आजादी के बाद वर्तमान शासन व्यवस्था सबसे बेहतर: सुनील ओझा


वाराणसी (काशीवार्ता)। मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम के सिंहासन पर आसीन होते ही सर्वत्र हर्ष व्याप्त हुआ तो सारे भय-संताप भी स्वत: दूर हो गए। कुछ ऐसा ही माहौल आज प्रदेश में दिख रहा। कैंटोंमेंट स्थित एक होटल में काशी संकल्पित स्वर्ण मुकुट अर्पण तिथि के तीसरे वर्षगांठ पर आयोजित काशी संकल्प पुस्तक के विमोचन एवं वर्तमान शासन व रामराज्य विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विद्वानों ने उक्त विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था आजादी के बाद सबसे बेहतर कही जा सकती है। जिस तरह काशी का कायाकल्प हुआ उसी तरह पूरे देश में चौड़ी सड़कें फ्लाईओवर रोजगार के साधन निरंतर उपलब्ध हो रहे है। कोरोना काल में सरकार ने जिस तरह लोगों की मदद की वह आजाद भारत में अकल्पनीय था। लंबे समय से आतंकवाद से जूझ रहे भारत में अब सर्वत्र शांति दिख रही जो विकास का द्योतक है। मोदी की विदेश नीति के कारण अक्सर कुटिल चाल चलने वाले चीन व पाक की बोलती आज बन्द है। मुख्य अतिथि एवं प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि काशी में पूरा भारत ही नहीं बल्कि विश्व बसता है। इसीलिए पीएम मोदी का काशी से लगाव ज्यादा है। राज्यसभा सांसद व विशिष्ट अतिथि रूपा गांगुली ने कहा कि बंगाल में महिलाओं और हिंदुओं के साथ लगातार अत्याचार हो रहा है और वहां की मीडिया इस बात को उजागर नहीं कर रही। मेरे साथ जिस तरह का अन्याय हुआ वह भूलने योग्य नहीं है। कहा कि पीएम मोदी इस देश के उत्थान में लगातार जूझ रहे हैं, हम सब को उनका साथ देना होगा। अखिल भारतीय संत समिति व गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि विधर्मी देश का अमंगल चाहते हैं। जो पीएम मोदी के रहते कदापि संभव नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो.गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत में मातृशक्ति की सदैव पूजा हुई। यही हमारे समृद्धि का कारक है। भारत को विश्व गुरु बनाना है तो धर्म पर चलते हुए कर्तव्य प्रधान भी होना पड़ेगा। अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम आयोजक व पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार डॉ.अरविंद सिंह ने कहा कि मयार्दा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का राम रामराज्य आज भी दुनिया का आदर्श राज्य माना जाता है। प्रभु श्रीराम ने धर्म के विपरीत जाने वालों से न कोई वार्ता की ना उन्हें बख्शा। इस मौके पर काशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो.रामचंद्र पांडेय ने भी सभा को संबोधित किया। संचालन डॉ राम सुधार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन पंडित राम नारायण द्विवेदी ने किया।