सपा-बसपा ने किया था मजबूत
भाजपा में विजय को मिली पहचान


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। सुदामा ग्रुप आफ कालेजेज के चेयरमैन एवं भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष डा. विजय यादव को भले ही बसपा और सपा की सरकारों ने मजबूत किया हो, मगर उसको सियासी पहचान भाजपा में आने के बाद मिली। महंगे उपहार के बूते भाजपा के शीर्ष नेताओं का करीबी बन चुका शिक्षा माफिया डा. विजय यादव के एसटीएफ के फंदे में फंसने के बाद जेल जाने की कहानी हर किसी को हैरान कर रही है। अब विजय की जिन बड़े बड़े नेताओं संग नजदीकियां रहीं वे अब सोशल मीडिया से उसकी फोटो हटा रहे हैं। अचानक हुई एसटीएफ की कार्रवाई से भाजपा हैरान है।
वर्ष 2003-2004 में बाइक से चलने वाला कृष्ण सुदामा गु्रप का प्रबंधक डा. विजय यादव के पास अकूत दौलत है। शिक्षा की बिगड़ी व्यवस्था के लिए विजय को भी जिम्मेदार माना जाता है। उस समय सपा की सरकार थी। उसने अपने कालेज में आने वाले छात्रों को पैसा लेकर खूब नकल कराया। उससे जब अगाध धन हुआ तो उसने तकनीकी शिक्षा में हाथ आजमाए। हालात यह हो गए कि उसने अपने गांव सादात ब्लाक के मरदापुर में तीन कालेजों के करोड़ों के भवन बना लिए। यहां पर सब कुछ अपना साम्राज्य खड़ा करने के बाद वाराणसी के कैथी में उसने करीब सौ करोड़ से अधिक का भवन तैयार कराया। यहां पर हर वह डिग्री बांटी जाती है जिसका छात्र सपना देखते हैं। अधिकारियों से मिलकर उनको रिश्वत देकर विजय ने प्रवेश के नाम पर खूब लूटपाट की। उसका भाई धर्मेंद्र यादव भी जेल में बंद है। उन दोनों पर आरोप था कि आयुष कालेजों में प्रवेश के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा किया। अपने कैथी वाले कालेज में आयुष की सौ सीटों पर फर्जी छात्रों का दाखिला ले लिया और एक एक छात्रों से तीस से चालीस लाख की वसूली कर ली। यही काम उसने अपने साले से भी कराया। उसने धीरे धीरे बसपा, सपा और भाजपा में सियासी दाखिला ले लिया। काफी वर्षों बाद यूपी की सत्ता में आई भाजपा नेताओं के साथ उसकी बैठकी होने लगी। उसने तब के संगठन महामंत्री रहे सुनील बंसल के घर में भी प्रवेश पा लिया था। अपने मृदुभाषी व्यक्तित्व के बूते विजय मनोज सिन्हा का भी दुलारा बन गया। वह उन्हें गाजीपुर आने पर वाराणसी एयरपोर्ट पर भी रिसीव करता, उनके साथ साए की तरह रहता था। उसे 2022 में भाजपा जंगीपुर से विधानसभा में उम्मीदवार भी माना जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अपनी पत्नी को बैठाने के लिए उसने भाजपा एमएलसी को भी 2021 में चैलेंज किया था।
हालांकि उसकी भाजपा नेताओं से नजदीकियां काम नहीं आईं और एमएलसी की रिश्तेदार सपना सिंह चेयरमैन बनने में कामयाब हो गईं। अब डा. विजय यादव के आयुष घोटाले में जेल जाने से उसके सपने चकनाचूर हो गए हैं। उसे भाजपा में पिछड़े समाज के बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा था, लेकिन उसकी एक काली करतूत ने भी गंगा जैसी पवित्र भाजपा को भी अपवित्र करने की नाकाम कोशिश करके बेपर्दा कर दिया।