पत्थरबाज ‘काशी’ में मांग रहे पनाह!


(शिव यादव)
वाराणसी(काशीवार्ता)। जुमे की नमाज के बाद बीते शुक्रवार को नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में सूबे के कई जिलों में वर्ग विशेष की ओर से किये गए बवाल, तोड़फोड़, पत्थरबाजी की घटना को लेकर योगी सरकार त्वरित कार्रवाई के मूड में आ गयी है।घटना में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी कर उनकी गिरफ्तारी को दी जा रही दबिश, साजिशकतार्ओं के मकान को जमीदोंज करनें की घटना से सहमे हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले वर्ग विशेष के लोग अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने लगे हैं। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक प्रदेश ही नही बंगाल, रांची पंजाब में रहने वाले ऐसे बहुत से परिवार या ऐसे लोग इस समय काशी में आकर छिपे हैं कि कहीं वे बेवजह कार्रवाई की जद में न आ जाए। कई ऐसे भी संदिग्ध कुछ क्षेत्रों में दिख रहे हैं जो पुलिस पकड़ से बचने को किसी लॉज, होटल या अपने रिश्तेदार के घरों में शरण लिये हुये हैं। नगर के घनी आबादी वाले क्षेत्र बजरडीहा, मदनपुर, जैतपुरा आदमपुर, रेवड़ी तलाब, कोयला बाजार आदि ऐसे कई मुहल्ले हैं जहां इन दिनों कुछ नये चेहरे दिख रहे हैं। इन क्षेत्रों में स्थित मस्जिद, सराय में भी ऐसा ही कुछ नजारा दिख रहा है। क्षेत्रीय दुकानदारों ने दबी जुबान में बताया कि पूछने पर पता चलता है कोई गर्मी की छुट्टी में तो कोई किसी काम से आया है। उधर खुफिया महकमा भी इन क्षेत्रों में संदिग्धों की कड़ी निगरानी में लगा है।

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट
की व्यवस्था बनी नजीर
ज्ञानवापी मुद्दा गरमाने के बावजूद भी वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट जिस तरीके से विगत शुक्रवार को शहर में अमनचैन बनाये रखने में सफल हुई वह अब आमजन में चर्चा का विषय बन गया है। नमाज वाले दिन की गयी चाकचौबंद व्यवस्था ,शांति सद्भाव के लिए सभी वर्ग के लोगों से लगातार किये जा रहे संवाद व स्वयं पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों से किये गए सम्पर्क ने एक ओर जहां लोगों में विश्वास जगाया तो वहीं इस दिन मस्जिदों में नमाज की अदायगी भी हुई तो वहीं शांतिपूर्वक दर्शन-पूजन भी हुआ जो दूसरे जिलों के लिए नजीर बन गया है।
हिंसा प्रभावित जिलों में जाने से कर रहे तौबा
अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद व हाथरस प्रयागराज, कानपुर आदि स्थानों पर चल रही पुलिसिया कार्रवाई का खौफ वाराणसी के अलावा आसपास के मिजार्पुर,चंदौली, भदोही आदि जिलों में रहने वाले वर्ग विशेष के परिवारों को इस कदर सताने लगा है कि वे इन जगहों पर जाने से बच रहे हैं। बजरडीहा के रहने वाले शहजाद (काल्पनिक नाम) जिसको शनिवार को एक बारात में प्रयागराज जाना था लेकिन परिवार के बड़े बुजुर्गों ने उसे यह कहकर जाने से रोक दिया कि शांति से यही पड़े रहो, बवाल वाले जगह जाकर कहीं बेवजह फंस गये तो क्या होगा। शहजाद को यह सुझाव सही लगा और बारात में न जाने में ही भलाई समझा।