अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने से मरीजों की सांसत


वाराणसी (काशीवार्ता)। पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। डॉ.रविकांत ओझा ने बताया कि अस्पताल में तीन अल्ट्रासाउंड मशीन हैं, जिनमें से दो पहले से खराब पड़ी है। तीसरी मशीन, जिसकी लागत लगभग 90 लाख है, लगभग एक सप्ताह से खराब होने के कारण अल्ट्रासाउंड का कार्य बाधित है। कहा कि इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. आर.के. सिंह द्वारा शासन से अनुबंधित फर्म से लगातार मशीन की मरम्मत हेतु लिखे जाने के बाद भी फर्म द्वारा मरम्मत में रुचि न दिखाये जाने के कारण उक्त स्थिति उत्पन्न हुई है। फर्म के मैकेनिक आते हैं और कहते हैं कि मशीन ठीक हो गई। परन्तु एक दो मरीजों की जांच के बाद ही मशीन काम करना बंद कर देती है। जिसके चलते भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।
एक रेडियोलॉजिस्ट के जिम्मे पूरे मण्डल का कार्य
बेतरतीब स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है कि एक रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे पूरे मण्डल का कार्य संचालित किया जा रहा है। रेडियोलॉजिस्ट डॉ.रविकांत ओझा की एक दिन चौकाघाट, दो दिन सीएमओ आफिस में मेडिकल बोर्ड के लिए ड्यूटी लगाई गई है। जिसके चलते आये दिन अस्पताल में मरीजों द्वारा बखेड़ा किया जाता है।
डिजिटल एक्स-रे मशीन भी 2 वर्षों से खराब
पूर्व में उप-मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को डिजिटल एक्स-रे मशीन कोरोना काल के पूर्व से ही खराब होने की बाबत अवगत कराए जाने के पश्चात सरकार द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए डिजिटल एक्स-रे मशीन को ठीक कराए जाने हेतु धन अवमुक्त करते हुए शासन से अनुबंधित फर्म को आदेशित किये जाने के लगभग दो माह बाद भी मशीन की मरम्मत फर्म द्वारा न किये जाने से मरीजों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। सूत्रों की मानें तो सीएमएस डॉ.आर.के.सिंह द्वारा फर्म से लगातार पत्राचार किये जाने के बाद भी अनुबंधित फर्म द्वारा मशीन की मरम्मत में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है।