वाराणसी पहुंचा UP सरकार का पहला क्रूज, गंगा में सफर कर सकेंगे लोग


उत्तर प्रदेश का पहला सरकारी क्रूज अपने गंतव्य वाराणसी आ गया है. जिसके स्वागत में सोमवार के दिन वेलकम सेरेमनी का आयोजन किया गया. 6 हजार किलोमीटर का 68 दिन का सफर और तूफान के थपेड़ों को झेलते हुए गोवा के समुद्र से काशी की गंगा में पहुंचे इस क्रूज की खास बात है कि यह बहुत ही कम जलस्तर पर भी गंगा में फर्राटे भर सकेगा और करीब तीन हफ्तों के अंदर ये क्रूज आम लोगों के लिए शुरू भी हो जायेगा.

इससे पहले वाराणसी में एक प्राइवेट कंपनी का क्रूज ही गंगा में चलता था, लेकिन अब जल्द ही एक सरकारी क्रूज भी गंगा की लहरों में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को गंगा की सैर कराएगा. प्रसाद योजना के तहत ये दो मंजिला क्रूज गोवा के रास्ते समुद्र से होते हुए गंगा में 6 हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा करके वाराणसी की गंगा में पहुंचा.

इससे पहले वाराणसी में एक निजी कंपनी अलखनंदा क्रूज का संचालन कर रही है. लेकिन ये यूपी सरकार का पहला क्रूज है जो लगभग तीन हफ्तों में आम लोगों के लिए शुरू हो जायेगा. वाराणसी के रविदास घाट पर इस क्रूज की आगवानी यूपी सरकार में मंत्री डाॅ नीलकंठ तिवारी ने की और बाकायदा पूजा पाठ करके क्रूज के 12 सदस्यों का स्वागत भी किया.

इस बारे में और जानकारी देते हुए पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), यूपी सरकार, डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी ने बताया कि ”यूपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी काम हो रहा है. पर्यटकों की सुविधा और पर्यटन स्थलों को उनकी महिमा के अनुरूप विकसित करने का लगातार काम किया जा रहा है. आने वाले दिनों में यूपी पूरे विश्व का एक बड़ा पर्यटन का केंद्र बनेगा और काशी उसकी राजधानी बनेगी.”

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस क्रूज की खास बात ये है कि इसकी दीवारों पर काशी की विशिष्टता के चित्र बनाए गए हैं और काशी की आध्यात्मिकता और गौरव का भी स्केच बनाया गया है.

वहीं इस क्रूज को लाने वाले कैप्टन वाईके परासर ने बताया कि यह क्रूज यूपी टूरिज्म फेरी है जो गोवा से लेकर आया गया है. जिसका निर्माण जीएसएल ने किया है और हम लोग 23 नवंबर को चले थे और 30 जनवरी को आ गए. उन्होंने बताया कि इस क्रूज में अत्याधुनिक इंजन लगा है. जीएएसएल वार फेरी बनाती है, लेकिन ये क्रूज गंगा में चलने के लिहाज से बनाया गया है. इसलिए ये क्रूज कम जलस्तर पर भी चलेगा.

लगभग 20 दिन में फिनिशिंग करके इस क्रूज को आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जायेगा. इसमें 80 लोग सवार हो सकते हैं और ये अस्सी घाट से राजघाट तक वाराणसी में चलेगा.